Beautiful words by Guruji HH Sri Sri Ravishankar ji
इस ब्रह्माण्ड का विस्तार अनंत है| इस अनंत ब्रह्माण्ड में व्याप्त चेतना भी अनंत और अज्ञेय है| यह केवल प्रेम करने योग्य है| ईश्वर को जानने की चेष्टा न करो| ईश्वर, जो अज्ञेय है - उससे बस प्रेम करो| यही श्रद्धा है|
अहंकार तब आता है जब तुम सोचते हो कि तुम कुछ जानते हो| तुम अहंकार से मुक्त हो सकते हो, जब तुम्हारा मन शांत होता है और तुम सोचते हो कि तुम कुछ नहीं जानते| जब तुम मंदिर जाते हो, तुम नहीं जानते कि पुजारी क्या कर रहा है या कौन सा मंत्र पढ़ रहा है, पर तुम्हें विश्वास होता है कि कुछ भला ही होगा| गांवों के लोगों में बहुत विश्वास होता है| तुम डॉक्टर से दवा लेते हो, पर तुम नहीं जानते कि यह कैसे काम करती है|
जीवन में हम कुछ चीजें पसंद करते है और कुछ नहीं| पसंदगी और नापसंदगी केवल तभी उठती हैं, जब हम इन चीजों के बारे में कुछ जानते हैं| यदि हम नहीं जानते, तो रूचि-अरुचि हो ही नहीं सकती|
प्रशंसा करना दिव्य गुण होता है| निंदा करना तमोगुण होता है| दूसरो की और स्वयं की प्रशंसा करे, यह आपको उन्नत कर देगा | - श्री श्री
Guru Ji Spreading Love & Their Teachings in Pakistan in March 2012
Beautiful quotes by Shri Shri Ravishankar Ji
“Love is not an emotion. It is your very existence.”
इस ब्रह्माण्ड का विस्तार अनंत है| इस अनंत ब्रह्माण्ड में व्याप्त चेतना भी अनंत और अज्ञेय है| यह केवल प्रेम करने योग्य है| ईश्वर को जानने की चेष्टा न करो| ईश्वर, जो अज्ञेय है - उससे बस प्रेम करो| यही श्रद्धा है|
अहंकार तब आता है जब तुम सोचते हो कि तुम कुछ जानते हो| तुम अहंकार से मुक्त हो सकते हो, जब तुम्हारा मन शांत होता है और तुम सोचते हो कि तुम कुछ नहीं जानते| जब तुम मंदिर जाते हो, तुम नहीं जानते कि पुजारी क्या कर रहा है या कौन सा मंत्र पढ़ रहा है, पर तुम्हें विश्वास होता है कि कुछ भला ही होगा| गांवों के लोगों में बहुत विश्वास होता है| तुम डॉक्टर से दवा लेते हो, पर तुम नहीं जानते कि यह कैसे काम करती है|
जीवन में हम कुछ चीजें पसंद करते है और कुछ नहीं| पसंदगी और नापसंदगी केवल तभी उठती हैं, जब हम इन चीजों के बारे में कुछ जानते हैं| यदि हम नहीं जानते, तो रूचि-अरुचि हो ही नहीं सकती|
प्रशंसा करना दिव्य गुण होता है| निंदा करना तमोगुण होता है| दूसरो की और स्वयं की प्रशंसा करे, यह आपको उन्नत कर देगा | - श्री श्री
Guru Ji Spreading Love & Their Teachings in Pakistan in March 2012
Beautiful quotes by Shri Shri Ravishankar Ji
“Love is not an emotion. It is your very existence.”
“Life is nothing to be very serious about. Life is a ball in your hands to play with. Don’t hold on to the ball.
“Wise is the one who learns from another´s mistakes. Less wise is the one who learns only from his own mistakes. The fool keeps making the same mistakes again and again and never learns from them.”
Activity and rest are two vital aspects of life. To find a balance in them is a skill in itself. Wisdom is knowing when to have rest, when to have activity, and how much of each to have. Finding them in each other - activity in rest and rest in activity - is the ultimate freedom.”
“Worrying doesn't make any difference, but working does and spirituality gives one the strength to work”
“Today is a gift from God - that is why it is called the present.”
“Wise is the one who learns from another´s mistakes. Less wise is the one who learns only from his own mistakes. The fool keeps making the same mistakes again and again and never learns from them.”
Activity and rest are two vital aspects of life. To find a balance in them is a skill in itself. Wisdom is knowing when to have rest, when to have activity, and how much of each to have. Finding them in each other - activity in rest and rest in activity - is the ultimate freedom.”
“Worrying doesn't make any difference, but working does and spirituality gives one the strength to work”
“Today is a gift from God - that is why it is called the present.”
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